अवैध उत्खन्न कांड: उपयंत्री व सचिव निलंबित ... !
सरपंच- सीईओ और सहायक यंत्री भी निशाने पर
उज्जैन। मनरेगा की आड लेकर सरकारी जमीन पर खुदाई करने वालो पर गाज गिर गई है। कलेक्टर ने निनौरा ग्राम पंचायत में हुए अवैध उत्खन्न कांड पर कलम चला दी है। उनकी कलम से उपयंत्री और सचिव को निलंबित करने के निर्देश है। जबकि सरपंच- सीईओ और सहायक यंत्री पर भी कार्रवाई होगी। जिसकी अनुशंसा कलेक्टर द्वारा कर दी गई है।
कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम अपने वादे के पक्के है। 25 अप्रैल को चुप रहेंगे डॉट-कॉम ने ... सरकारी जमीन पर खुदाई- राजस्व की कैसे होगी भरपाई... शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर के तत्काल बाद कलेक्टर ने इसी दिन मामले की जांच करवा ली। उन्होंने एसडीएम राकेश शर्मा को निर्देश दिये। एसडीएम ने तहसीलदार पूनम तोमर को घटना स्थल भेजा। तहसीलदार ने अपनी जांच में अवैध उत्खन्न पर सरकारी ठप्पा लगा दिया था। जिसके बाद 29 अप्रैल, 3 मई, 5 मई, 12 मई व 18 मई को इस अवैध उत्खन्न को लेकर लगातार खोजबीन करके खबरे प्रकाशित की गई थी। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... 25 अप्रैल को ही कलेक्टर ने वादा किया था कि दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी।
वादा निभाया ...
कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने जो वादा किया था। वह आज पूरा किया। हालांकि उन पर इस दौरान दबाव भी आया। किन्तु उन्होंने सिफारिश करने वालो को बैरंग लौटा दिया था। कलेक्टर ने आज जांच दल की रिपोर्ट पर संकीर्ण पोंड खुदाई को लेकर उपयंत्री व ग्राम पंचायत के सचिव को निलंबित करने के आदेश कर दिये। जबकि सरपंच श्रीमती जायसवाल पर वैधानिक कार्रवाई के लिए जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे को निर्देशित किया है। एसडीएम राकेश शर्मा ने बताया कि ... सरपंच से उत्खन्न को लेकर वसूली की जायेगी। इधर जनपद सीईओ हेमलता मंडलोई और सहायक यंत्री एसएल जाटवा पर कार्रवाई के लिए संभागायुक्त को पत्र लिखा है। कलेक्टर ने बताया कि सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी।
40 लाख में बेची ...
स्मरणीय रहे कि मनरेगा की आड में ग्राम पंचायत की तिकड़ी सरपंच-सचिव व रोजगार सहायक ने यह खेल रचा था। संकीर्ण पोंड के नाम पर 90.5 वर्गमीटर लंबाई, 20.2 वर्गमीटर चौडाई और 8 वर्गमीटर गहराई का तालाब खोद दिया था। वह भी जेसीबी द्वारा। इस दौरान 14642 घनमीटर मिट्टी निकाली गई थी। जिसे 40 लाख में बेचे जाने की चर्चा निनौरा ग्रामवासियों के बीच सुनाई दे रही है। खुदाई से निकली मिट्टी को सामने वाली रोड के गड्ढे के भराव में उपयोग किया गया था। जबकि नियमानुसार मिट्टी का उपयोग ग्रामहित में होना था। (देखे वीडियो)