महाकाल का आभार: 26 घुसे थे: केवल 14 झुलसे ...!
उज्जैन। गर्भगृह आगजनी कांड विकराल हो सकता था? मगर बाबा भोलेनाथ की अनंत कृपा रही। अगर बाबा का तीसरा नेत्र जरा देर ओर खुला रह जाता। तो 14 की जगह 26 व्यक्ति झुलस गये होते? ऐसा दावा मंदिर के हमारे भरोसेमंद सूत्र कर रहे है। दावे का आधार गुरूवार को घटना वाले दिन के देखे गये सीसीटीवी फूटेज है।
महाकाल मंदिर के गलियारों में यह चर्चा आम है। धुलेंडी वाले दिन हुई आगजनी के दौरान गर्भगृह में 2 दर्जन से ज्यादा पंडे-पुजारी मौजूद थे। 8 बाय 10 का गर्भगृह खचाखच भरा हुआ था। जबकि मंदिर के जानकारों का कहना है। गर्भगृह में अधिकतम संख्या 12 से 15 होनी चाहिये। इस नियम की धुलेंडी वाले दिन जानबुझकर अनदेखी की गई। महाकाल से होली खेलने के लिए इतनी छोटी जगह में 26 पंडे-पुजारी घुस गये थे।
यह सभी मौजूद थे ...
मंदिर के भरोसेमंद सूत्र और फूटेज देखने वाले दबी जुबान से उनके नाम बता रहे है। जो कि उस दिन गर्भगृह में मौजूद थे। जिस वक्त आग लगी थी। इनमें माधव शर्मा, दिलीप शर्मा, सागर, शिवम कांतिलाल, अर्जुन, महेश, सेवाराम, रमेश, शैलेन्द्र जोशी, राजकुमार सेवक, विनोद व्यास पुरोहित, आनंद सेवक, जगदीश राठौर, लक्ष्मीनारायण मुंदडा, सोनू राठौर, प्रकाशचंद रावल, कमल जोशी, मंगल बिजुआ, सत्यनारायण सोनी (मृतक) पर्व पिता संजय पुजारी, चिंतामण सेवक, अजय शर्मा, नितिन शर्मा, मनोज शर्मा, विकास शर्मा, अमन शर्मा व संजय पुजारी। इन सभी नामों की पुष्टि मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने की है। मगर उन्होंने इस शर्त पर यह नाम उजागर किये है। उनका नाम गोपनीय रखा जाये।
ऐसे हुआ खुलासा ...
गर्भगृह में आगजनी के दौरान कौन-कौन मौजूद था। इसका खुलासा वीडियों फूटेज देखने के बाद हुआ है। चुप रहेंगे डॉटकॉम ने 3 अप्रैल को खबर प्रकाशित की थी। असली दोषी कौन है- वीडियों देखकर पता करो... शीर्षक से। जिसके बाद आखिरकार गुरूवार की शाम को फूटेज देखे गये। मंदिर कर्मचारियों की मदद से हर एक चेहरे को पहचाना गया। ऐसा मंदिर के हमारे सूत्रों का कहना है।
1 नाम छुपाया ...
एक तरफ जहां सीसीटीवी फूटेज देखकर 26 नाम चिन्हित किये गये है। वहीं 1 नाम छुपाने की चर्चा मंदिर के सूत्र कर रहे है। जिनका नाम छुपाया गया है। वह आगजनी के शिकार भी हुए है। मगर ज्यादा नहीं। घटना के बाद वह कुछ देर तक गर्भगृह में ही रूके रहे थे। फिर जब हलचल मची और घायलों को अस्पताल के लिए रवाना कर रहे थे। उस दौरान भीड का फायदा उठाकर वह चुपचाप निकल गये थे। ऐसा मंदिर के कर्मचारी दबी जुबान से बोल रहे है। (देखे वीडियो घटना वाले दिन का)