जमीन नीलामी कांड में जांच पूरी: 3 तहसीलदार दोषी ...!

जमीन नीलामी कांड में जांच पूरी: 3 तहसीलदार दोषी ...!

उज्जैन। किसान क्रेडिट कार्ड (आरआरसी वसूली) कांड में 3 तहसीलदारों पर तलवार लटक गई है। अपर कलेक्टर राजस्व ने जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट कलेक्टर तक भेज दी गई है। अब इस मामले में आगे कार्रवाई क्या होगी। इसका फैसला कलेक्टर करेंगे। अपर कलेक्टर ने 3 सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट, कलेक्टर को भेजी है।

पिछले कुछ दिनों आरआरसी वसूली को लेकर जमीन नीलामी का मामला सुर्खियों में थाइसमें कर्नाटका बैंक की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। जिसके चलते कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने जांच बैठा दी थी। अपर कलेक्टर मृणाल मीना की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच दल बनाया था। जिसमें उनकी सहायक अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, एसडीएम ग्रामीण राकेश शर्मा व डिप्टी कलेक्टर कृतिका भीमावत को जांच की जिम्मेदारी दी थी। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट आईएएस अपर कलेक्टर मृणाल मीना को सौंप दी है। उन्होंने यह रिपोर्ट कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम तक भेज दी है। अब फैसला कलेक्टर को करना है।

मृणाल मीना

कुल 14 प्रकरण ...

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर के निर्देश पर कुल 650 प्रकरणों की जांच की गई। इसमें से 14 प्रकरणों में प्रक्रियात्मक ऋटि पाई गई है। यह सभी प्रकरण कर्नाटका बैंक के है। इस मामले में तहसीलदार देवकुंवर सोलंकी के सबसे ज्यादा प्रकरण पाये गये है। उसके बाद तहसीलदार मधु नायक व पूर्णिमा सिंघी का नाम जांच में आया है। जांच दल द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन अपर कलेक्टर श्री मीना को सौंप दिया गया है। जिन्होंने अपनी अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया है। जांच रिपोर्ट में यह बात भी उजागर हुई है कि तत्कालीन तहसीलदार मधु नायक द्वारा वसूली की राशि से बहुत अधिक ज्यादा संपत्ति को नीलाम किया गया है। जिसे कलेक्टर ने अपनी निगरानी में लेकर निरस्त कर दिया है। 

निरस्त ...

सूत्रों का कहना है कि जिन 14 प्रकरणों में प्रक्रियात्मक ऋटि पाई गई है। उसमें से केवल 3 जमीनों का नामांतरण हुआ था। जिसमें से 1 का नामांतरण कलेक्टर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। बाकी 2 मामले भी निरस्त होंगे। इसके अलावा नीलामी की पूरी प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। बहरहाल, आरआरसी वसूली के इस मामले में कलेक्टर ने सख्त रूख दिखाया है और जांच करवाकर मामले का लगभग पटाक्षेप कर दिया है।