29 मई 2023 (हम चुप रहेंगे)
एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

नुकसान ...
कभी-कभी अच्छा काम करने से भी नुकसान होता है। जैसे अपने उत्तम जी ने अच्छा काम कर दिया। मिलावटखोरो पर छापा पड़वा दिया। नकली मावा-घी पकड़ा गया। उत्तम जी ने यह बेहतर काम किया। लेकिन उनके इस कदम से प्रतिमाह 2 पेटी का नुकसान हो गया। उस विभाग को, जिसको यह जिम्मेदारी थी। मिलावटखोरो पर अंकुश लगाकर रखे। किन्तु हरे- गुलाबी रंगों के चलते सब चुप रहते थे। अब जबकि छापे पड़े तो देने वाले चुप नहीं है। वह दबी जुबान से बोल रहे है। 2 पेटी प्रतिमाह देते थे। ज्यादा चाहिये थे, तो बता देते। धंधा तो नहीं तोड़ते। मगर अपने उत्तम जी को इसकी कोई परवाह नहीं है। वह अच्छा काम कर रहे है। इसलिए हम तो बधाई देते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
दुकान ...
संकुल के गलियारों में चर्चा है। अपने उत्तम जी ने जिस दलाली की दुकान पर रोक लगा दी थी। उस दुकान को एक पड़ोसी जिले के नेता खोलने की जुगाड लगा रहे है। जो कि उस जिले के कमलप्रेमी मुखिया है। जो जिला नमकीन सेव व गोल्ड के लिए प्रसिद्ध है। आजकल अकसर संकुल के गलियारों में दिखाई देते है। प्रभाव दिखाने के लिए अपने उत्तम जी से भी मिलते है। जिसके बाद संकुल में बैठने वाले अधिकारियों पर अपने संबंध ऊपर तक होने की दुहाई देते है। मकसद केवल यही है। उनके छर्रो की दुकान खुल जाये, दलाली की। संकुल के गलियारों में तो इसकी खूब चर्चा है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
सहनशक्ति ...
अपशब्दों और गैर शालीन व्यवहार को सहने की भी सीमा होती है। अगर विभाग का मुखिया लगातार जलील करेगा। तो मातहत आखिरकार पलटकर जवाब देगा ही। पिछले सप्ताह यही हुआ। ग्रामीण विभाग की वीसी में। अपनी घमंडी मैडम ने सभी हदे पार कर दी। अंड-संड बकवास करके जलील करने लगी। बेचारे मातहत का सब्र टूट गया। उसने पलटकर खरी-खरी सुना दी। जिसके बाद अपनी घमंडी मैडम का चेहरा देखने लायक था। मैडम तमतमा गई। अभद्रता का पंचनामा बना दिया। अपने उत्तम जी के अलावा विंध्यक्षेत्र तक फोन करके घटना बता दी। नियम-कायदे मंगवा लिये। इधर जाते-जाते मातहत ने ... जो बने कर लेना... बोलकर जले पर नमक छिडक दिया। ऐसी चर्चा दमदमा के गलियारों में सुनाई दे रही है। अब देखना यह है कि ... पंचनामे के बाद मातहत पर गाज कब गिरती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
इस्तीफा ...
सहनशक्ति की घटना पाठकों ने ऊपर पढ़ी। ठीक ऐसी ही एक ओर घटना घटित हुई है। लेकिन यह घटना पड़ोसी संभागीय मुख्यालय होल्कर नगरी की है। जहां जिले के मुखिया बैठक ले रहे थे। उनके रडार पर हेल्थ विभाग के अधिकारी थे। जिनको 30 मिनिट तक खूब अंड-संड बोला गया। बेचारे ... चुपचाप सुनते रहे। अंत में जब जिले के मुखिया ने यह बोला। मैं खुद अब सर्वे कराऊंगा। तो मातहत अधिकारी का धैर्य टूट गया। उन्होंने चैलेंज कर दिया। अगर सर्वे में ज्यादा हितग्राही मिल जाये। तो मैं पद से इस्तीफा दे दूंगा। मातहत के पलटवार ने जिले के मुखिया की बोलती बंद कर दी। वह चुप हो गये। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
मोह ...
बांस पर बांस चढ़ाने वाले नेताजी से अपने पंजाप्रेमी खूब परिचित है। जिनको बिरयानी नेताजी के नाम से पंजाप्रेमी पुकारते है। उनके मोह की चर्चा इन दिनों पंजाप्रेमी कर रहे है। इशारा मिशन-2023 के टिकिट की तरफ है। उत्तर से कई पंजाप्रेमी दावेदार है। जिनमें बिरयानी नेताजी के खास अपने होटल वाले भय्या भी है। लेकिन बिरयानी नेताजी ने बांस पर बांस चढ़ाते हुए अपना उम्मीदवार चुन लिया है। जो कि रिश्ते में उनके भतीजे है। युवा पंजाप्रेमी कोटे से भतीजे को टिकिट दिया जायेगा। ऐसा अपने बिरयानी नेताजी के करीबी पंजाप्रेमी बोल रहे है। फैसला वक्त करेगा। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
मार्गदर्शन ...
घटना बदबूवाले शहर की है। जिसकी चर्चा संकुल के गलियारों तक सुनाई दे रही है। मामला मार्गदर्शन से जुड़ा है। जिसने एसडीएम को चुप कर दिया है। दबी जुबान से यह बोला जा रहा है। एसडीएम ने प्रभारी तहसीलदार को निर्देश दिये थे। नामांतरण करने के लिए। जिस पर प्रभारी तहसीलदार ने पूछ लिया। जिनके खिलाफ खुद आपने एफआईआर करवाई, उन्ही के नामांतरण का बोल रहे है। यह सुनकर एसडीएम चुप हो गये। इधर प्रभावशाली प्रभारी तहसीलदार ने लिखित में एसडीएम से मार्गदर्शन भी मांग लिया। नतीजा ... बदबूवाले शहर के ईमानदार एसडीएम साहब चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
झांकी ...
भले ही हम सत्ता में है। लेकिन झांकी तो पंजाप्रेमियों की है। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद कमलप्रेमी बोल रहे है। इशारा वर्दी की तरफ है। जो कि चैकिंग में गाड़ी पकड़ते ही चालान काट देते है। 4 दिन पहले का उदाहरण भी दे रहे है। बहादुरगंज का। जहां एक कमलप्रेमी महामंत्री की गाड़ी पकड ली थी। महामंत्री ने पहलवान से लेकर पार्षद तक से बात कराई। लेकिन वर्दी ने इसके बाद भी 1 घंटे तक महामंत्री को नहीं छोड़ा। जबकि पंजाप्रेमियों की गाड़ी, फोन आते ही छोड़ देते है। ऐसा खुद कमलप्रेमी बोल रहे है। उनके दर्द को हम केवल समझ ही सकते है, कर कुछ नहीं सकते है। इसलिए अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
दूरी ...
बैठक के बाद कमलप्रेमियों का भोजन प्रेम जगजाहिर है। ऐसी किसी भी बैठक को कमलप्रेमी इग्नोर नहीं करते है। जिसमें बैठक के बाद भोजन हो। लेकिन इन दिनों कमलप्रेमी कार्यकर्ता बहुत ज्यादा नाराज है। तभी तो मंडल कार्यसमिति की बैठकों से दूरी बना ली है। हालात यह है कि ... 100 के लिए भोजन बन रहा है और उपस्थिति 50 के अंदर हो रही है। उत्तर-दक्षिण दोनों में यही स्थिति है। वजह यह है कि कार्यकर्ता दु:खी और परेशान है। उनका कोई भी काम नहीं होता है। उल्टा फटकार लगाकर भेज दिया जाता है। ऐसे में अब भोजन के लालच से भी कार्यकर्ता दूर हो गया है। अब देखना यह है कि मिशन-2023 को ध्यान में रखकर नाराजगी कैसे दूर की जाती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
धमकी ...
संकुल के गलियारों में चर्चा है। एक घटना को लेकर। जो उस तहसील में घटी। जहां से अपने पंजाप्रेमी चरणलाल जी प्रतिनिधित्व करते है। लेकिन उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि कमलप्रेमी महामंत्री इस घटना के सूत्रधार है। जिन्होंने एक बाबू को पीट दिया था। सार्वजनिक तौर पर। कारण ... वसीयत का नामांतरण नायब तहसीलदार ने खारिज कर दिया था। शक बाबू पर गया। जिसके चलते पिटाई हो गई। मामला वर्दी तक पहुंचा। सत्तादल का मामला था। इसलिए दबाव आ गया। एसडीएम ने बाबू को बुलाया। फिर यह समझाया। तालाब में रहकर मगरमच्छ से बैर... सोच लो। अघोषित धमकी काम कर गई। बाबू चुप बैठ गया। अब इस बाबू का जल्दी ही तबादला होने वाला है। ऐसा कमलप्रेमी बोल रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
फटकार ...
अपने कप्तान साहब सीधी बात- नो बकवास में यकीन रखते है। तभी तो उन्होंने सीधे-सीधे फटकार लगा दी। वह भी सेट पर। पिछले सप्ताह की घटना है। कप्तान ने एक थाना प्रभारी को सेट पर पुकारा। एक बार-दो बार-तीन बार। मगर कोई जवाब नहीं आया। उल्टे किसी मातहत ने जवाब दे दिया। कप्तान ने पूछ लिया। कौन बोल रहा है। आपको कॉल किया था। बेचारे ... मातहत की घिग्घी बन गई। कप्तान ने सेट पर ही सबको समझा दिया। आज के बाद जिसको पुकारा जाये, वही जवाब दे। इस बीच थाना प्रभारी सेट पर आ गये। मगर कप्तान की इस फटकार के बाद सभी थाना प्रभारी 24 घंटे अलर्ट पर है। ऐसा वर्दीवाले बोल रहे है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
जांच ...
अपने उत्तम जी ने संकेत दिये है। एक जिलाधिकारी के कार्यकाल की जांच के। जिलाधिकारी पिछले दिनों ही रिलीव्ह हुई है। उनके साढ़े 3 साल के कार्यकाल की जांच एक समिति द्वारा की जायेगी। संकुल के गलियारों में तो यही चर्चा है। जांच में क्या निकलता है। फैसला आने वाला समय करेगा। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।