29 अप्रैल 2024 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

29 अप्रैल 2024 (हम चुप रहेंगे)

आवेदन ...

ऑनलाइन आवेदन करना हर किसी को नहीं आता है। मगर जिनको आता है। वह इसकी कीमत वसूलते है। भरतपुरी क्षेत्र स्थित विकास भवन के गलियारों में इन दिनों कीमत वसूलने की चर्चा जोरो पर है। तीसरे माले पर स्थित एक कार्यालय है। जहां से पेट्र्रोलपंप के लिए आवेदन होता है। सबकुछ ऑनलाइन करना होता है। इसके बदले में 1 पेटी कीमत वसूली जाती है। काफी समय से यह खेल चल रहा है। मगर मजबूरी के चलते देने वाले चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

पूछताछ ...

आगजनी घटना के बाद प्रशासन काफी सख्त है। भस्मार्ती बेचने पर रोक लगाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। इसीलिए देर रात में पूछताछ होती है। कई भक्तों से। पिछले सप्ताह अपने कप्तान जी देर रात पहुंचे। हालांकि वह अपने कुछ मेहमानों को लेकर आये थे। लेकिन एक पंथ-दो काज भी कर लिये। भक्तों से पूछताछ कर ली। कितने पैसे दिये। ज्यादा तो नहीं दिये। कप्तान की इस पूछताछ से थोड़ी देर के लिए हडक़ंप मच गया। मगर रिजल्ट कुछ नहीं निकला है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

ताला ...

जिले के एक विभाग में इन दिनों ताला लग गया है। सच में ताला नहीं लगा है। लेकिन विभाग के अधिकारी जिस तरीके से ऑख बंद करके बैठ गये है। उससे तो यही साबित हो रहा है। इशारा उस विभाग की तरफ है। जिसको लेकर स्व. पंकज उदास की चर्चित गजल है। हुई मंहगी बहुत शराब/ थोड़ी-थोड़ी पिया करो...। यह गजल इन दिनों सही साबित हो रही है। एमआरपी और एमएसपी से ज्यादा रेट पर सोमरस की बिक्री हो रही है। जिस विभाग को इस पर निगाह रखने की जिम्मेदारी है। उस विभाग के जिम्मेदारों ने अपनी आंख बंद करके कार्यालय पर ताला लगा लिया है। ऐसा हम नहीं, बल्कि सोमरस विभाग के सूत्र कह रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

तहसीलबदर...

जिलाबदर तो हमारे पाठकों ने सुना होगा। मगर तहसीलबदर राजनीतिक होता है। तभी तो कमलप्रेमी उधारीलाल जी के लिए ऐसा कदम उठाया गया है। पर्दे के पीछे अपने पिस्तौल कांड नायक है। जिन्होंने मिशन-2024 के लिए उधारीलाल जी को, अपने चरणलाल जी की विधानसभा में भिजवा दिया है। तभी तो कमलप्रेमी अपने उधारीलाल जी को देखकर बोल रहे है। तहसीलबदर-तहसीलबदर। कमलप्रेमियों की बात सच है। मगर हमको आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

कब्जा ...

अभी-अभी पंजाप्रेमियों की एक सभा हुई थी शहीद पार्क पर। जहां कुर्सियों पर नाम की पर्ची लगाई गई थी। ताकि कोई दूसरा नेता कुर्सी पर कब्जा नहीं करे। मगर अपने छोटा बटला जी ने एक पर्ची निकाल दी। फिर खुद बैठ गये। थोडी देर बाद वह किसी कारण से कुर्सी से उठे। जैसे ही वह उठे। मौका देखकर पंजाप्रेमी भाभी जी ने कुर्सी पर कब्जा कर लिया। ऐसा घटना देखने वाले पंजाप्रेमियों का कहना है। बेचारे छोटा-बटला जी मन मसोसकर चुप रहे। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

गुहार ...

अपने पंजाप्रेमी चरणलाल जी ने गुहार लगाई थी। आमसभा के बाद। रथयात्रा में शामिल होने के लिए। चरणलाल जी ने दोनों स्टार प्रचारक से निवेदन किया था। तीनबत्ती चौराहे तक वाहन में सवार होकर चले। संत बालीनाथ की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने। मगर दोनों नेताओं ने समयाभाव का कहकर उनकी गुहार ठुकरा दी। बेचारे चरणलाल जी को अकेले ही यात्रा करनी पड़ी। ऐसा हम नहीं, बल्कि अपने पंजाप्रेमी बोल रहे है। मगर हमको आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

कमाई ...

अपने प्रथमसेवक ने एक सौगात दी थी। शहरवासियों को। अवंति द्वार। जिससे शहरवासियों को बाबा के दर्शन आसानी से होने लगे। बस शहरवासियों को अपना आधार कार्ड दिखाना पड़ता है। मगर अब यह द्वार कमाई का जरिया बन गया है। इस अवंति द्वार से अब दूसरे शहर के नागरिकों को भी आसानी से प्रवेश मिल जाता है। बशर्त ... सुरक्षाकर्मी से सेंटिग हो जाये। 250 की नगदी जेब में जाते ही इस द्वार से अनुमति मिल जाती है। खबर पक्की है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

निगाहें बनाम निशाना ...

देवी अहिल्यानगरी से खबर है। जहां पर 100 खोखे का घोटाला सामने आया है। जो कि जल्दी ही दुगना होने वाला है। इस मामले से जुड़ी 20 फाइले कार की डिक्की से चोरी हो चुकी है। मामले को लेकर अंदरखाने की खबर है। दरअसल इस कांड को उजागर करने का मकसद उन पर निशाना साधना है। जो इस कांड के दौरान पदस्थ थे। जिसमें अपने नंबर-1, टर्मिनेटर मैडम और इंदौरीलाल जी का नाम दबी जुबान से लिया जा रहा है। यह भी संकेत मिल रहे है। कांड की जांच दिल्ली की किसी एजेंसी को दी जा सकती है। अब देखना यह है कि ... इस कांड में जिन 3 पर निशाना साधा गया है। वह शिकंजे में आते है या नहीं? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सलाह ...

हर नेता सलाह लेता है। खासकर ज्योतिष की। इसमें अपने प्रथमसेवक भी शामिल है। शायद हमारे शहरवासियों को याद होगा। जब प्रथमसेवक बंगले में शिफ्ट हुए थे। तो उनको किसी ज्योतिष ने सलाह दी थी। बंगले का प्रवेश द्वार बंद करवा दो और पीछे वाले रास्ते से आया-जाया करो। इससे भविष्य उज्जवल होगा। अपने प्रथमसेवक ने सलाह मान ली। मगर मिशन 2023 के बाद वक्त पलट गया। पीछे वाले रास्ते पर अपनी बहन जी के बंगले पर भीड होना शुरू हो गई। नतीजा ... प्रथमसेवक ने अपने उज्जवल भविष्य की सलाह को छोडक़र, तत्काल मुख्यद्वार खुलवा दिया। अब इसी रास्ते से प्रथमसेवक आना-जाना करते है। ऐसा बंगले के कर्मचारी बोल रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

प्रयास ...

अपने दूसरे माले के मुखिया प्रयास कर रहे है। प्रयास समन्वय बनाने का। चार विपरीत ध्रुवों के बीच। पिछले सप्ताह इन चारों को उन्होंने अपने कक्ष में बुलाया। मगर उसके पहले बैठक में नसीहत दी। यह चारों अपने-अपने फन में माहिर है। जिसमें गोरे-चिट्टे जी, इंदौरीलाल जी, कूल जी व अपने स्मार्ट पंडित शामिल है। इन चारों के बीच लंबे समय से समन्वय का अभाव नजर आ रहा था। जिसके लिए दूसरे माले के मुखिया ने यह कदम उठाया। कक्ष में बुलाकर नसीहत दी है। अब देखना यह है कि उनके इस प्रयास को कितनी सफलता मिलती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है। 

धंधा ...

बदबू वाले शहर से खबर मिल रही है। एक राजस्व अधिकारी ने ऊपरी कमाई के लिए नया रास्ता निकाला है। उनके इस धंधे से अच्छी-खासी कमाई होने की संभावना है। इसका खुलासा जल्दी ही करेंगे। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप रहेंगे।

मेरी पसंद ...

क्या है जो हो गया हूँ मैं थोड़ा बहुत खऱाब/ थोड़ा बहुत खऱाब तो होना ही चाहिये... जव्वाद शैख