जिसको अपना निज सचिव बनाया था, उसी ने ग्रुप से हटाया....!
ऐसा भी होता है
उज्जैन।प्रधानमंत्री के आगमन से पहले शासन ने सख्त कदम उठाया था। नगर निगम आयुक्त को तत्काल पद से हटा दिया था।इस चोट से तत्कालीन आयुक्त अभी तक नही उभर पाए है।इस बीच गुरुवार को उनके साथ फिर एक चोट हो गई।उन्होंने जिस बाबू को अपना निज सचिव बनाया था।उसी ने उनको निगम के 2 ग्रुपों से हटा दिया।तभी तो निगम के गलियारों में चर्चा सुनाई दे रही है कि....जिसको अपना निज सचिव बनाया था...उसी ने ग्रुप से हटाया...!
निगम के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ।किसी आईएएस अधिकारी को इस तरीके से हटाया जाए।वह भी तब,जब 5 दिन बाद प्रधानमंत्री का आगमन होने वाला हो।अंशुल गुप्ता निगम इतिहास में पहले ऐसे अधिकारी है।जिनकी कार्यशैली के चलते उनको हटाया गया।जिसके चलते निगम की खूब भद पिटी थी।
ग्रुप से हटाया...
सभी को पता है।6 अक्टूबर को तबादला हुआ था।उसके बाद संदीप सोनी को प्रभार सौंपा गया।1 दिन बाद मुरैना में पदस्थ रोशन सिंह आईएएस को आयुक्त बनाकर भेज दिया गया।उन्होंने तत्काल पदभार आकर संभाल लिया था।इधर हटाए गए श्री गुप्ता,निगम के हर सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़े रहे।उन्होंने पीएम दौरे को लेकर निगम की हर कार्यशैली पर नजर रखी।वह किसी भी ग्रुप से लेफ्ट नही हुए।जिसके चलते गुरुवार को UMC सेवा और सीएम Online ग्रुप से श्री गुप्ता को हटा दिया गया।ग्रुप से हटाने का काम उनके पूर्व निज सचिव प्रदीप सोलंकी ने ही किया।
खुद लाए थे...
निगम के गलियारों में यह चर्चा आम है कि..आयुक्त रहते हुए श्री गुप्ता,खुद प्रदीप सोलंकी को अपना निज सचिव बनाकर लाए थे।यह आदेश 26 अप्रैल 2021 को निकला था।इसके पहले श्री सोलंकी झोन क्रमांक 4 में प्रभारी उपयंत्री उद्यान में पदस्थ थे।उनको मनीष भावसार की जगह लाया गया था।
तबादला...
तत्कालीन आयुक्त को ग्रुप से हटाने वाले सोलंकी ,खुद अंडर ट्रांसफर है।उनका ऑर्डर 6 जुलाई 2019 को निकला था।उनको नगर परिषद सांवेर भेजा गया था।नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी सूची में उनका नाम क्रमांक 122 पर दर्ज है।ताज्जुब की बात यह है कि तबादला होने के बाद भी,उनको आजतक कार्यमुक्त नही किया गया है।ऐसा निगम के सूत्रों का कहना है।उल्टे उनको निगम आयुक्त का निज सचिव बना दिया गया।