17 अक्टूबर 2022 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

17 अक्टूबर 2022 (हम चुप रहेंगे)

वायरल ...

एक कमलप्रेमी नेत्री का एक वीडियों वायरल हुआ है। जो इन दिनों चर्चा का विषय है। जिस नेत्री का वीडियों है। वह संगठन में पदाधिकारी है। पद भी पावरफूल है। इस वीडियों में नेत्री एक युवा के साथ है। सोफे पर विराजमान है। सिगरेट का कश लगा रही है। फिर उनका युवा साथी भी कश लगाता है। सोफे के नीचे ही एक ग्लास नजर रहा है। कांच का यह ग्लास आधा भरा हुआ है। जिसका रंग हल्का पीला दिख रहा है। जो कि साफ संकेत है। कांच के ग्लास में सोमरस भरा हुआ है। वीडियों बनाने वाली नेत्री की खास सहेली है। जिसने इस चतुराई से इसको बनाया है। जिसके चलते सामने बनी केबिन पर लगे कांच में युवा साथी का चेहरा नजर आ रहा है। लाल शर्ट युवा साथी ने पहन रखी है। इस वीडियों को लेकर शिकायत अपने ढीला-मानुष तक पहुंच चुकी है। देखना यह है कि चाल-चरित्र वाला संगठन अब क्या कदम उठाता है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

इस्तीफा ...

ऊपर हमारे सुधी पाठकों ने वायरल वीडियों का चित्रण पढ़ा। उम्मीद है कि उनकी आंखों में वीडियों चल- चित्र की तरह नजर आया होगा। यह वीडियों लोकार्पण समारोह के एक-दो दिन पहले वायरल हुआ। उस वक्त अपनी इज्जत बचाने के लिए कमलप्रेमी संगठन ने इसको दबा दिया। लेकिन अब इस मामले में कार्रवाई हुई है। कमलप्रेमियों में चर्चा है। वीडियों की नेत्री को तलब किया गया। फिर उन पर दबाव डालकर इस्तीफा लिखवा लिया गया। यह सारी घटना वीडियों सामने आने के बाद की है। लेकिन इज्जत बचाने के लिए यह प्रचारित करवाया जा रहा है। सूट्टा मारने वाली नेत्री को तो एक महीने पहले ही पद से हटा दिया था। मतलब घटना से पहले ही कार्रवाई हो गई थी। जिसको लेकर हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

हटाओं ...

अभी-अभी कमलप्रेमी संगठन ने कुछ बदलाव किया था। कुछ जिलों के कमलप्रेमी अध्यक्षों को हटाया। मिशन-2023 की तैयारियों के चलते। जैसे ही बदलाव की खबर सामने आई। अपने ढीला-मानुष को हटाने की एक पोस्ट अपलोड हुई। सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड करने वाले कमलप्रेमी ही है। जिनकी देवास रोड पर नर्सरी है। उम्र 55 है, लेकिन दिल उनका बचपन वाला है। इसीलिए बगैर सोचे-समझे यह लिखकर पोस्ट अपलोड कर दी। ढीला-मानुष को हटाओं। लेकिन जल्दी ही उनको एहसास हो गया। 55 के बचपन वाली गलती का। इसलिए उन्होंने पोस्ट को हटा दिया। लेकिन तब तक उनकी इस गलती के कमलप्रेमियों ने स्क्रीन शाट ले लिए। एक शुभचिंतक ने यह पोस्ट चुप को फारवर्ड कर दी। चुप रहने के लिए। तो हम आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

जुगलबंदी ...

अपने चुगलीराम जी पिछले दिनों राजधानी में नजर आये। उनको देखकर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। लेकिन उनके साथ एक वर्दी वाली मैडम को देखकर जरूर अचरज हुआ। यह वही वर्दी वाली मैडम है जिनको 5 पेटी डिमांड के चलते शहर से तत्काल रवानगी दी गई थी। जैसे अपने चुगलीराम जी को एक रिकार्डिंग के चलते रवानगी दी गई। इन दोनों को राजधानी में देखकर जुगलबंदी की चर्चा शुरू हो गई। राजधानी के सूत्रों ने बताया कि ... अपने चुगलीराम जी नई पोस्ट की जुगाड में आये थे। अब उनकी निगाहें दमदमा के ग्रामीण विकास भवन पर टिकी है। जहां पर वह पदस्थापना चाहते है। यहां हमारे पाठकों को याद दिला दे। कुछ दिन पहले ही चुगलीराम जी ने प्रचारित करवाया था। वह अब बाबा की नगरी में नहीं रहना चाहते है। जबकि उनका मन आज भी यहीं अटका है। देखना यह है कि बाबा महाकाल उनकी इच्छा पूरी करते है या नहीं? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

निवेदन ...

अपने उम्मीद जी ने साबित कर ही दिया। वह हर उम्मीद में खरा उतरते है। चुनौती का सामना करना जानते है। रास्ते में आ रही  रूकावटों को आसानी से हटवा देते है। फिर रूकावटे कितनी भी पावरफूल हो? मौका देखकर सीधे छक्का मार देते है। अभी-अभी  2 विकेट उन्होंने चटकाये है। अब उम्मीद है कि लोकार्पण समारोह की खुमारी उतर चुकी होगी। तो उनसे एक निवेदन है। एक दफा उन मजदूरों की तरफ भी नजरे इनायत करे। जिनकी हक की राशि खाते में डालने से पहले, उनसे डिमांड की जा रही है। 1 पेटी राशि पर 5 प्रतिशत डिमांड की खबर मजदूरों के बीच खूब चल रही है। बेचारे ... बरसों से इंतजार कर रहे मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। कोई सुनने वाला भी नहीं है। मजबूरी के मारे मजदूर दीवाली के चक्कर में डिमांड भी पूरी कर रहे है। इसीलिए चुप रहेंगे के माध्यम से, अपने उम्मीद जी से निवेदन कर रहे है। देखना यह है कि अपने उम्मीद जी निवेदन पर कितना ध्यान देते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

जमीर ...

जिंदा तो सब है/ पर क्या आपका जमीर जिंदा है/ जिसका जमीर जिंदा है/ वे लोग चुनिंदा है। शिवाजी भवन के गलियारों में राजेश राणा का यह अशआर इन दिनों सुनाई दे रहा है। जिसमें   सोशल मीडिया ग्रुपों से जुड़े रहने की तरफ इशारा किया जा रहा है। मातहत बोल रहे है कि ... अपने पपेट जी का जमीर जिंदा नहीं है। तभी तो वह अभी तक सोशल मीडिया ग्रुपों से जुड़े हुए है। स्मार्ट और शिवाजी भवन को मिलाकर करीब 50 ग्रुप है। जिसमें से करीब 20-22 ग्रुपों से उनको रिमूव्ह किया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी अपने पपेट जी का जमीर नहीं जाग रहा है। चर्चा है कि रविवार की दोपहर तक वह 30 ग्रुपों से जुड़े हुए थे। इसीलिए उनके पुराने मातहत यह कह रहे है। जिनका जमीर जिंदा है/ वे लोग चुनिंदा है। अब अगर अपने पपेट जी, खुद ही चुनिंदा नहीं रहना चाहते है। तो कोई क्या कर सकता है। इसलिए सब चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

उपहार ...

अभी-अभी एक त्यौहार निकला है। घर की लक्ष्मी का यह त्यौहार था। गृह लक्ष्मी ने अपने चांद के लिए उपवास रखा। रात को पूजा करी... अपने-अपने चांद की। अब हमारे पाठकों को समझ आ गया होगा। हम किस त्यौहार की तरफ इशारा कर रहे है। उसी त्यौहार की रात की घटना है। शहीद पार्क के समीप एक दुकान है। जिसकी ब्रांडेड ज्वेलरी काफी मंहगी आती है। करीब साढ़े 9 से 10 के बीच की घटना है। दुकान का आधा शटर गिर चुका था। 10 मिनिट बाद ही ताला लग जाता। तभी एक वाहन आकर रूका। वाहन में तिरंगा लगा था। उसमें से एक प्रभावशाली सत्तादल के नेता उतरे। उनको देखते ही शटर खोल दिया गया। प्रभावशाली नेताजी अंदर गये। उपहार खरीदा और फिर रवाना हो गये। इस घटना को देखने वाले कमलप्रेमी अब एक-दूसरे से पूछ रहे है। आखिर ... कौनसा उपहार खरीदा... किसके लिए खरीदा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इसलिए सब चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

फोटो ...

देश के प्रथम सेवक का पिछले सप्ताह आगमन हुआ था। लोकार्पण करने के लिए। प्रथम सेवक के साथ तस्वीर खिचवाने का मौका भी मिला। जिसमें अपने ढीला-मानुष, पिपली राजकुमार, हर्ष फायर महामंत्री सहित कई नाम शामिल है। इन सभी ने पोस्ट भी अपलोड करी। लेकिन अपने विकास पुरूष की कोई तस्वीर सोशल मीडिया पर नजर नहीं आई। देश के प्रथम सेवक के साथ। यह सवाल हम नहीं, बल्कि कमलप्रेमी ही उठा रहे है। कमलप्रेमियों में यह भी चर्चा है। समितियों के गठन में विकास पुरूष ने मनमानी की। एक अधिकारी को भी सदस्य बना दिया। जबकि ऐसा नहीं होना था। संस्कृति से जुड़े यह अधिकारी है। जिसको लेकर शिकायत हुई। सिहंस्थ 2016 के प्रभारी से। जिनको हम मौनी बाबा-3 के नाम से जानते है। उन्होंने इस बात को गंभीरता से लिया। अपने मामा श्री तक बात पहुंचा दी। जिसका नतीजा यह हुआ। ऊपर से निर्देश हो गये हर मामले में केवल मौनी बाबा-3 की बात सुनी जायेंगी। तभी तो कोई फोटो नजर नहीं आई है। ऐसा कमलप्रेमी ही बोल रहे है। अब बात सच है या झूठ। फैसला हमारे पाठक खुद अपने स्व-विवेक से कर ले। क्योंकि हमको तो आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

चलते-चलते ...

अब के जाते हो तो खुदारा कब आओगे/ कब आओगे दुबारा... दुबारा कब आओगे।

नये कार्य स्थल के लिए अनंत शुभकामनाएं... बाबा महाकाल की कृपा सदा आप पर बनी रहे... और हम हमेशा अपनी आदत के अनुसार चुप रहे।