28 नवम्बर 2022 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

28 नवम्बर 2022 (हम चुप रहेंगे)

पूजा...

तो अपने उम्मीद जी नगर अधिपति के दरबार पहुंच ही गये। लंबे समय से उनका इंतजार हो रहा था। इंतजार की वजह, अधिपति के दरबार में फेली अव्यवस्थाएं थी।  जिसको लेकर मंदिर के पुजारी इंतजार कर रहे थे। खासकर, खस्ताहाल सड़क को सुधरवाने के लिए। पुजारियों की विनती को बाबा ने सुन लिया। आखिरकार बाबा अंगारेश्वर ने अपने उम्मीद जी को बुलवा ही लिया। जिसके बाद पुजारियों को अपने उम्मीद जी से पूरी उम्मीद है। व्यवस्थाओं में सुधार होगा और अपने उम्मीद जी की पूजा भी सफल होगी। देखना यह है कि अपने उम्मीद जी को पूजा का फल कब तक मिलता है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

मांग ...

अपने उम्मीद जी ने नगर अधिपति की पूजा क्या करी? उनसे एक पूजा और करवाने की मांग सुनाई दे रही है। संकुल के गलियारों में यह मांग उठ रही है। इस पूजा का नाम वास्तु-पूजा है। संकुल के गलियारों में बैठने वालो की डिमांड है। भवन की वास्तु- पूजा जल्दी से जल्दी करवाई जाये। ताकि नाकारात्मक ऊर्जा इस भवन से भगाई जा सके। अब मातहतों की इस मांग पर हम क्या बोले? इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

कौन है वह ...

संकुल के गलियारों में इन दिनों एक युवा नेत्री की चर्चा जोरो पर है। जो कि राजधानी से आती है। पॉवरफूल युवा नेत्री एक एनजीओ की संचालिका है। उनका हिन्दूवादी संगठन से गहरा और पुराना रिश्ता है। एक फूलपेंटधारी की किताब का विमोचन भी करवा चुकी है। अपनी शानदार गाडी में बैठकर पूरे लटके-झटके के साथ उनका आगमन होता है। जिसे देखकर संकुल वाले खोजबीन में जुट गये। जिसके बाद यह चर्चा है कि युवा नेत्री के एनजीओ को आखिरकार कार्य आदेश मिलता है या नहीं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

चंदा ...

पंजाप्रेमियों को तो मौका मिलना चाहिये। चंदाखोरी करने का। जिसमें सभी अव्वल है। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर युवराज आ रहे है। अब इससे बढिया मौका क्या हो सकता है। तो जिसको जहां मौका मिल रहा है, वह चंदाखोरी में लग गया है। शिवाजी भवन से भी चंदा वसूलने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। एक अधिकारी से 2 पेटी की डिमांड की गई। करने वाले पंजाप्रेमी नेता, सदन में प्रतिनिधित्व करते है। अधिकारी ने साफ लफ्जों में इंकार कर दिया। जिस पर उन्हें देख लेने की धमकी दी गई। इधर क्षीरसागर मुख्यालय के मुखिया भी चंदाखोरी में टॉप पर है। हर जगह से यात्रा के नाम पर वसूली कर रहे है। ऐसा हम नहीं, बल्कि पंजाप्रेमी ही बोल रहे है। सच और झूठ का फैसला हमारे पाठक खुद कर ले। क्योंकि हमको तो आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

शिकायत ...

स्मार्ट भवन के गलियारों में फिर एक शिकायत होने की चर्चा है। शिकायत उस सड़क को लेकर हुई है। जो महाकाल- लोक के लिए बनाई गई थी। इसकी निविदा नं. 49 है। यह सड़क आर-18 के नाम से जानी जाती है। इस सड़क के निर्माण की लागत कई खोखो में है। जिसको लेकर राजधानी में शिकायत हुई है। शिकायत उसी विभाग को हुई है। जिसने नोटिस जारी करके पहले ही मुसीबत में डाल रखा है। स्मार्ट कार्यो को लेकर यह तीसरी शिकायत है। दूसरी शिकायत रूद्रसागर की हुई थी। जिसकी फाइल जमा की जा चुकी है। अब फिर शिकायत हो गई है। देखना यह है कि आर-18 की फाइल तलब होती है या नहीं ? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

झांकी ...

भारत जोड़ो यात्रा में हर पंजाप्रेमी नेता अपनी-अपनी झांकी जमाना/ दिखाना चाहता है। सभी अपने-अपने समर्थकों के साथ जुगाड में लगे है। उपाय खोजे जा रहे है। सबसे पहले युवराज का स्वागत करे और अपनी झांकी जमा ले। अपने दमदमा के मीठी गोली वाले नेताजी भी इसमें पीछे नहीं है। उन्होंने प्लान बनाया। इंदौर रोड के एक आश्रम को किराये पर लेने का। ताकि रात में ही अपने समर्थकों को एकत्रित कर ले। भोजन करवाकर, आश्रम में सुला दे। सुबह 5 बजे स्वागत कर दे। इसके लिए किठोदा के एक आश्रम पर गये। 2-3 दफा बातचीत की। लेकिन आश्रम संचालक ने साफ इंकार कर दिया। धन का भी ऑफर दिया। किन्तु बात नहीं बनी। ऐसा हम नहीं, बल्कि पंजाप्रेमी बोल रहे है। अब देखना यह है कि ... अपने मीठी गोली वाले नेताजी क्या नई जुगाड लगाते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

10 वां ग्रह ...

वैसे तो हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह है। जिनके नाम सूर्य-चंद्रमा-मंगल-बुध-बृहस्पति-शुक्र-शनि और राहू-केतु। लेकिन हमारे शहर में एक और ग्रह है। जिसको देखकर पढऩे वाले यही बोल रहे है। 10 वां ग्रह। अगर हमारी बात पर भरोसा नहीं हो तो ऊपर लगी तस्वीर को देख लीजिए। बाकी तो हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

चर्चा ...

पंजाप्रेमियों में इन दिनों यह तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर दाल-बिस्किट वाली तहसील में। तस्वीर को देखकर पंजाप्रेमी दबी जुबान से कह रहे है। अगर अपने पंजाप्रेमी पहलवान समझदारी से काम लेते? तो उनका राजनीतिक भविष्य शिखर पर होता। पंजाप्रेमियों की चर्चा में दम है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

चलते-चलते...

शिवाजी भवन में पदस्थ एक अधिकारी का जल्दी ही निलंबन हो सकता है। अपर आयुक्त स्तर के यह अधिकारी है। यह वही अधिकारी है, जिनको अपने पपेट जी ने पकडा था। उसके बाद निलंबन का प्रस्ताव राजधानी में भेजा था। फिलहाल प्रस्ताव अटका हुआ है। लेकिन अब यह चर्चा है कि जल्दी ही निलंबन पर मोहर लग सकती है। देखना यह है कि ... मोहर कब लगती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।