30 दिसम्बर 2024 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

30 दिसम्बर 2024 (हम चुप रहेंगे)

 

13-1 और कितने दिन ....

तो आखिर अपने कटप्पा (कूल जी) को बाबा ने फिर तलब कर लिया। यह तीसरी बार उनको सेवा का अवसर दिया है। इसके पहले 13 दिन के लिए बुलाया था। फिर केवल 1 दिन के लिए। अब वापस सेवा करने का मौका मिला है। लेकिन सवाल यह है कि अपने कटप्पा जी कितने दिनों तक बाबा की सेवा करेंगे? अगले साल उनकी विदाई अभी से तय मानी जा रही है। ऐसा हम नहीं,बल्कि मंदिर वाले कह रहे है। अब देखना यह है कि अपने विकासपुरूष आखिर किसको बाबा की सेवा करने का लंबा मौका देते हैं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो  जाते है।

सौगात ...

 भले ही महाकाल महालोक बनने के बाद ही भक्तों की संख्या लगातार बढी है। लेकिन भविष्य को ध्यान में रखते हुए 2013-14 में ही एक प्रस्ताव राजधानी  भेजा गया था। मंदिर प्रशासक का पद अलग से सृजन करने के लिए। तत्कालीन संभागायुक्त, कलेक्टर और प्रशासक की दूर दृष्टि वाली सोच थी। मंदिर एक्ट में बदलाव करते हुए पद सृजित किया जाये। सामान्य प्रशासन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन राजनीति के चलते यह नहीं हो पाया। 10 साल से प्रस्ताव लंबित है। अब वक्त आ गया है। विकासपुरूष उस प्रस्ताव पर मोहर लगाये। ताकि मंदिर में फैली अव्यवस्था  को  पूरी तरह से दुरूस्त किया जा सके। 2 पदों पर विराजमान अधिकारी की अब जरूरत नहीं है। देखना यह है कि नये वर्ष में अपने विकासपुरूष यह सौगात देते हैं या नहीं? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

तंज ....

अपने कमलप्रेमी हाइनेस, मौका देखकर तंज करने में माहिर है। बस मौका मिलना चाहिये। जैसे प्रबंध समिति की बैठक में मिल गया। इस बैठक में अपनी बहन जी, स्मार्ट पंडित, कटप्पा, गब्बर जी आदि मौजूद थे। मगर अपने जय-वीरू की जोडी नहीं पहुंची थी। उस वक्त की घटना है। हाइनेस ने अचानक ही कहा। तंज वाली शैली में। आजकल तो बहुत छाये हुए हो। उन्होंने नाम नहीं लिया।  किन्तु वहां मौजूद सभी समझ गये। किसको तंज किया है। किसकी तरफ इशारा है। जिनको किया था। वह भी समझ गये। मगर वह चुप रहे। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सच क्या है ...

मंदिर कांड को लेकर जितने मुंह- उतनी बातें सुनाई दे रही है। इनमें से कौन सी अफवाह है- कौन सी सच? यह तो केवल बाबा महाकाल ही बता सकते हैं।  ऐसी ही कुछ बातें/ अफवाह हम तक भी पहुंच रही है। जो कि शायद हमारे पाठकों के पसंद आये। जैसे ... मंदिर की आय में 8-9 खोखे की कमी आई है? 4 दिन के फूटेज की जांच में करीब 25 से 30 पेटी का नुकसान हुआ है? मंदिर की आय में। एक चर्चा यह भी है कि प्रतिदिन का आंकड़ा 7 से 8 पेटी का है?  अब इसमें असली सच क्या है। यह किसी को कुछ पता नहीं है। बस ... अफवाहों / बातों का बाजार गर्म है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

यात्रा ...

नये साल में यात्रा का योग है। वह भी अपने जय-वीरू की जोड़ी का। इनके साथ कई अधिकारी भी होंगे। यह यात्रा पूरी तरह सरकारी होगी। प्रयागराज जाने वाले है। कुंभ की तैयारियां देखने। जबकि तीसरे माले के मुखिया, अल्फा जी, डेल्टा जी, इंदौरीलाल सहित लगभग 2 दर्जन से ज्यादा अधिकारी रविवार को ही वापस लौटे है। अब देखना यह है कि प्रयागराज से क्या नया अनुभव लेकर आये है और जो जा रहे है, वह क्या सीखकर आते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

इंतजार ...

कमलप्रेमी इंतजार कर रहे है। बड़ी बेसब्री से। आखिर कौन बनेगा अध्यक्ष? हालांकि नाम सभी ले रहे है। इशारा भी कर रहे है। जैसे अपने दाल वाले नेताजी का। जिनका मुखिया बनना तय माना जा रहा है। कारण ... अपने विकासपुरूष का आशीर्वाद है। इसलिए हम भी अग्रिम बधाई देते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

आग ...

मंदिर के गलियारों में एक अशआर सुनाई दे रहा है। मरहूम शायर राहत इंदौरी कालगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में/यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है...यह शेर हर कोई दबी जुबान से गुनगुना रहा है। इशारा क्या है? किसकी तरफ है? यह हमें लिखने की जरूरत नहीं है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

वापसी ...

अपने कटप्पा जी को प्रभार मिला है। मतलब निकट भविष्य में कोई स्थाई नियुक्ति होगी। नया मुखिया कौन होगा? फैसला अपने विकासपुरूष करेंगे। इस बीच सोशल मीडिया पर चर्चा है। अपने इंदौरीलाल जी की वापसी हो सकती है! अब इसमें कितना सच है- कितना झूठ। फैसला बाबा महाकाल करेंगे। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

कबाड ...

दिवाली की सफाई में हर घर से कबाड निकलता है। जिसे हर घर की गृहलक्ष्मी संभालकर रखती है। फिर उसे बेचकर कुछ राशि जमा कर लेती है। तो सोचिए... मंदिर से कितना कबाड निकलता होगा। वह भी हर महीने। उसे बेचने का क्या नियम-कायदा है। इस पर भी गौर करना चाहिये। क्योंकि यह मामला भी छोटा नहीं हो सकता है। ऐसी मंदिर के गलियारों में चर्चा है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है। 

वृद्धि ...

बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों की भीड उमड रही है। भले ही मंदिर कांड को लेकर खूब सुर्खियां हो। मगर भक्तों का इस पर कोई असर नहीं पडा है। वह इस भयंकर ठंड में भी बाबा के दर्शन के लिए लगातार आ रहे है। ऐसे में मंदिर की आय में एकदम से उछाल आया है। प्रशासन ने भी मंदिर कांड के बाद, फ्री में दर्शन पर रोक लगा दी है। खासकर... उन पर जो कि खुद को वीआईपी बनाकर दर्शन कर लेते थे। यही वजह है कि पिछले 2 दिनों में मंदिर की आय में वृद्धि हुई है। ऐसा हम नहीं, बल्कि मंदिर वालो का कहना है। मगर हमकों अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

माफी और शुभकामनाएं ...

 सबसे पहले माफी। इस कालम के सभी किरदारों से। जो चुप रहेंगे डॉटकाम में सालभर, आप सभी पाठकों के लिए सुर्खियां बनते है। कई दफा शब्दों की पीडा से उनको दु:ख होता होगा। जिसके लिए हम उन सभी से माफी मांगते है। इसके साथ ही सभी को नये साल की शुभकामनाएं देते हुए, किसी शायर का यह अशआर .... हर कदम एक आग है/ चलना संभलकर कह गया/ जनवरी के कान में/ घायल दिसंबर कह गया... याद करते हुए  अगले साल 2025 में फिर मिलने का वादा करते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।