03 फ़रवरी 2025 (हम चुप रहेंगे)
एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का |
गुहार ...
दूसरे माले के मुखिया ने मंदिर का बड़ा कांड पकड़ा था। पिछले साल। रूपये लेकर दर्शन करवाने का। जिसके लिए वह बधाई के हकदार है। मगर केवल बाबा के दरबार में ही यह गोरखधंधा नहीं चल रहा है। बाबा के सेनापति भैरव बाबा के दरबार में भी यह धंधा पनप रहा है। ऐसा हम नहीं, बल्कि वहां ड्यूटी करने वाले कह रहे है। सोमरस पीने वाले भैरव बाबा के यहां भी खूब भक्त आते है। प्रोटोकॉल भी चलता है। जिसका फायदा एक जनप्रतिनिधि का मुंह लगा छर्रा उठा रहा है। वह हर रोज प्रोटोकॉल की आड में दर्शन करवाता है। इसके बदले में अपनी जेब गर्म करता है। प्रोटोकॉल की ड्यूटी करने वाले इस सच से वाकिफ है। तभी तो खुलकर चर्चा कर रहे है। दूसरे माले के मुखिया से गुहार लगा रहे है। जनप्रतिनिधि के छर्रे से बचाओं। अब देखना यह है कि कर्मचारियों की गुहार सुनी जाती है या नहीं? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
निशाना ...
राजनीति में मौके इंतजार और धैर्य रखने वाला ही सफल होता है। प्रत्यक्ष प्रमाण है। अपने विकासपुरूष। जिन्होंने जनपद चुनाव में धैर्य दिखाया था। फिर मौके का इंतजार किया। अन्याय के खिलाफ चुपचाप लडाई लडते रहे। आखिरकार जीत मिली। वह भी निर्विरोध। जिसके लिए विकासपुरूष को बधाई। इधर पंजाप्रेमियों को भी मौका मिल गया। 5 वीं फेल नेताजी, चरणलाल जी को निशाने पर लेने का। तभी तो अपने बिरयानी नेताजी ने निशाना साधा है। एक तीर से 3 शिकार का। 5 वीं फेल नेताजी, चरणलाल जी और दमदमा की मीठी गोली पर। निशाना सटीक बैठा है। जिन्होंने जीत का श्रेय लिया था, वही हार की जिम्मेदारी ले। ऐसा अपने पंजाप्रेमी बोल रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
गिरना ...
काफी समय बाद कोई अपराधी भागते हुए गिरा है। गिरा भी ऐसा कि दोनों पैर पर प्लास्टर बांधना पड़ा। ऐसी तस्वीर देखकर जनता और वर्दी दोनों खुश है। अपराधियों के साथ यही सलूक होना चाहिये। ऐसा वर्दी और जनता बोल रही है। कप्तान और वर्दी दोनों को बधाई दे रही है। तो हम भी अपनी तरफ से अंनत शुभकामनाएं देते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
रूठकर चल दिए ...
घटना पिछले महीने की है। एक कार्यक्रम की। जिसमें कई कविगण आये थे। अकादमी में कार्यक्रम था। साल में एक बार कार्यक्रम होता है। जनवरी के दूसरे सप्ताह में। कविगणों में पद्मश्री कवि भी शामिल थे। बालीवुड अभिनेता भी आये थे। आयोजक सफलता के नशे में थे। उन्होंने कवियों के लिए समय-सीमा तय कर दी। 10 मिनिट। यह बात पद्मश्री कवि को चुभ गई। वह मंच से उतरकर चुपचाप चले गये। आयोजक पुकारते ही रह गये। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि कवियों के बीच इसकी चर्चा है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
दूरी ...
कमलप्रेमियों में चर्चा है। अवतरण दिवस के दिन दूरी बनाकर रखने की। इशारा नवनियुक्त कमलप्रेमी मुखिया की तरफ है। जो कि बदबू वाले शहर के निवासी है। कमलप्रेमी दबी जुबान से बोल रहे है। नये-नवेले मुखिया को उम्मीद थी। जमकर प्रकट उत्सव मनेगा। नये-पुराने कमलप्रेमी खूब स्वागत करेंगे। आखिर नियुक्ति के बाद यह पहला निजी जश्न था। नये मुखिया का स्वागत तो हुआ। किन्तु पुराने व वरिष्ठ कमलप्रेमियों ने दूरी बनाकर रखी। केवल वही कमलप्रेमी नजर आये। जो कि पद की लालसा रखते है। इसीलिए स्वागत करने पहुंचे। कमलप्रेमियों की बात सच है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
जुर्माना ...
शिवाजी भवन पर जुर्माना ठोका था। ग्रीन-हरित न्यायालय ने। पहले डेढ़ खोखा। फिर दुगना कर दिया। अब 3 खोखा जुर्माना भरना है। मामला गोवर्धन सागर का है। इसके साथ ही 30 मीटर अतिक्रमण हटाना है। 4 तारीख को फिर सुनवाई है। जिसमें आवेदन लगाया है। चौडीकरण की सीमा घटाई जाये। वजह ... अपनी बहन जी ने भी अनुरोध किया है। अगर 30 मीटर हटा तो कई निवासियों के निजी जमीन पर बने घर मटियामेट हो जायेंगे। अब देखना यह है कि ग्रीन-हरित के माननीय क्या रूख अपनाते है। वह जुर्माना बढ़ाते है या फिर 30 मीटर का क्षेत्र घटाते है। फैसला जल्दी ही होगा। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
25 पेटी ....
पाठकों को याद होगा। पिछले दिनों एक नपती हुई थी। एक होटल की। जो की नदी से 200 मीटर के दायरे में बना है। पीछे की तरफ होटल संचालक ने निर्माण कर लिया था। यह नपती ग्रीन-हरित के निर्देश पर हुई थी। निर्देश यह भी था कि 200 मीटर के दायरे में बने निर्माण को हटाया जाये। मगर यह चर्चा है कि नपती के बाद अंदर ही अंदर सौदा हो गया है। 25 पेटी की खबर है। ऐसी चर्चा शिवाजी भवन से लेकर संकुल के गलियारों तक सुनाई दे रही है। इसमें कितना सच है-कितना झूठ? हमको पता नहीं है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
सील ...
पिछले दिनों एक पंप सील किया गया था। अपनी चंदा मैडम जी ने कार्रवाई की थी। कारण ... कार्यक्रम के लिए अहिल्यानगरी जाने वाली बसों को डीजल नहीं देना बताया गया था। मगर संकुल के गलियारों में अलग चर्चा है। कार्रवाई के पहले मैडम जी पंप गई थी। जहां उनको तवज्जों नहीं दी गई। नतीजा ... छापा मारकर सील कर दिया गया। यह पंप एक कमलप्रेमी नेता का है। इस घटना के बाद अचानक ही चंदा मैडम जी का तबादला हो गया है। ऐसा संकुल में बैठने वाले बोल रहे है। अब असली सच क्या है। इसका किसी को पता नहीं है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
झपकी या मुद्रा...
अपने हाइनेस सम्मेलन में गये थे। शिवाजी भवन में। जहां से उनकी एक तस्वीर वायरल हो गई। झपकी वाली। जिसे वह अपनी मुद्रा बता रहे है। लेकिन कमलप्रेमी मानने को तैयार नहीं है। बल्कि दावा कर रहे है। अपने हाइनेस की ऐसी मुद्रा पिछले 15 सालों में कभी नहीं देखी। हाइनेस हमेशा हर बैठक में अलर्ट रहते है। अब कमलप्रेमियों की जुबान तो हम पकड नहीं सकते है। लेकिन अगर हाइनेस कह रहे है कि यह उनकी मुद्रा थी। तो हम भी उनकी इस मुद्रा पर अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
भय ...
मंदिर के गलियारों में पहली दफा नियम पालन करने का भय नजर आ रहा है। अभी तक नियमों को तोड-मरोडकर, रास्ता निकाल लिया जाता था। मगर मंदिर के नये मुखिया ने आते ही सबको टाइट कर दिया है। प्रोटोकॉल से दर्शन, मतलब 250 की रसीद जरूरी है। फिर भले ही पंडे-पुजारी हो या कोई भी। नियम सबके लिए। नंदीहाल से फोटो खीचना बंद कर दिया है। नियम का पालन अब जरूरी है। तभी तो हर कर्मचारी बाबा तुलसी की चौपाई ... भय बिनु होई ना प्रीति ... को याद कर रहा है। ऐसे ही मुखिया की मंदिर को जरूरत थी। देखना यह है कि यह भय आखिर कब तक कायम रहता है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।