19 दिसम्बर 2022 (हम चुप रहेंगे)
एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !
नौटंकीलाल ...
अपने पंजाप्रेमी चरणलाल जी को, उनके ही साथी अब नौटंकीलाल की उपाधि से विभूषित कर रहे है। घटना अभी पिछले सप्ताह की है। जिसमें अपने चरणलाल जी ने एक महिला अधिकारी के चरण छू लिये थे। वीडियों वायरल होना ही था। अपने चरणलाल जी भी इस सच से वाकिफ थे। तभी तो उन्होंने यह नौटंकी की थी। वैसे भी उनको इस प्रकार की नौटंकी करने में महारथ हासिल है। दमदमा के पंचायत भवन में ऐसे कई नजारे देखे जा चुके है। इसलिए अगर पंजाप्रेमी उनको अब चरणलाल जी की जगह नौटंकीलाल पुकार रहे है। तो इसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप ही रह सकते है।
कौन थी ...
बात शिवाजी भवन के गलियारों से निकलकर सामने आई है। जिसमें इशारा एक यात्रा की तरफ है। समुद्र किनारे की यात्रा। 5 दिन की यह यात्रा बताई जा रही है। इस यात्रा में एक महिला सहकर्मी भी शामिल थी। उनके साथ एक वरिष्ठ अधिकारी थे। अब यह महिला सहकर्मी कौन थी? किस अधिकारी के साथ गई थी। इसको लेकर केवल इतना ही मातहत बोल रहे है। मामला तब का है। जब महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ था। उसी दौरान यह गोपनीय यात्रा हुई। 5 दिनों तक अधिकारी और महिला सहकर्मी ने समुद्र तट के मजे लिये। इसके आगे कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। पूछने पर बस चुप हो जाते है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
मात ...
राजनीति, बिलकुल शतरंज की तरह होती है। जिसके माहिर खिलाड़ी अपने विकास पुरूष है। उन्हें आज तक कोई कमलप्रेमी राजनीति में नहीं हरा पाया। लेकिन पंजाप्रेमियों ने उनकी ही विधानसभा में उनको मात दे दी। मामला जनपद से जुड़ा है। जिसके निर्वाचन में अपने विकास पुरूष को धरने पर बैठना पड़ा था। उन्होंने खूब कोशिश की थी। निर्वाचन प्रक्रिया शून्य हो जाये। मगर अपने उम्मीद जी आगे नहीं चली। जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया में उलझाया। मगर पंजाप्रेमियों ने हार नहीं मानी। हर कानूनी लड़ाई जीती। प्रथम सम्मेलन भी हो गया। जिसके बाद, पंजाप्रेमियों से ज्यादा अपने कमलप्रेमी खुश है। विकास पुरूष को मिली इस मात से। ऐसी चर्चा कमलप्रेमियों में सुनाई दे रही है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
छबि ...
अपने मामाजी अभी-अभी आये थे। 5-जी का शुभारंभ करने। उन्होंने बैठक भी ली। जहां अपने मामाजी ने पहले ब्राडिंग बेहतर करने को कहा। फिर उन्होंने तत्काल शब्द बदला। ब्राडिंग नहीं छबि सुधारे । अब सवाल यह है कि ... छबि किसकी सुधारे? तो अपने मामाजी ने इसे भी स्पष्ट कर दिया। वीआईपी के लिए तो हर सुविधा उपलब्ध है। लेकिन आम जनता का क्या। शहर में होटले बढिया है। किन्तु ... आम जनता के लिए धर्मशाला कितनी है। ज्यादा से ज्यादा धर्मशाला बनाये। श्रद्धांलुओं को दर्शन सुलभ हो? आम जनता के साथ लूट-खसोट ना हो? परिवहन सेवा के नाम पर। 3 बड़े सम्मेलन होने जा रहे है। इसलिए ऐसा काम करो। विश्व में महाकाल लोक का नाम रोशन हो। बैठक में दिये गये निर्देशों पर अब अपने उम्मीद जी और कप्तान जी क्या कदम उठाते है। क्योंकि ब्राडिंग तो आसानी से हो जाती है, मगर छबि बनाना दुष्कर काम है। अपने मामाजी ने यही असंभव काम, उम्मीद जी और कप्तान जी को सौपा है। देखना यह है कि ... दोनों कैसे इस दाग वाली छबि को सुधारते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
धमकी ...
घटना अपने मामाजी का उडनखटोला उतरने से पहले की है। हेलीपेड पर बहुत कमलप्रेमी मौजूद थे। जिसमें अपने बडबोले जनप्रतिनिधि भी थे। तभी उन्ही के क्षेत्र के स्वजातीय बंधु ससुर जी आ गये। जो अपनी जनप्रतिनिधि बहू के साथ हर जगह नजर आते है। इन दिनों ससुर जी, मिशन-2023 के लिए प्रयासरत है। उनको देखकर अपने बडबोले जनप्रतिनिधि भडक गये। सीधे बोल दिया। तुम्हारी भी शिकायत मिली है। सरकारी जमीन पर वेयर हाऊस बनाने की। तुम मेरी कितनी भी शिकायत करो। मिशन- 2023 में टिकिट तो मेरा ही पक्का है। अपने बडबोले नेताजी की इस धमकी को, आसपास खड़े कमलप्रेमियों ने भी सुना। जिनको धमकी दी गई। वह इसे सुनकर चुप रह गये। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
अनोखी सलाह ...
हमारे पाठकों ने आज तक ऐसी सलाह नहीं सुनी होगी। वह भी एक महिला अधिकारी को दी गई। इस अधिकारी का अभी-अभी शासन ने तबादला किया है। पदभार संभालने महिला अधिकारी आ गई। मगर, उनको सलाह दी गई। अभी आप वापस जाये। हमको कोशिश करने दे। हमारी पसंद के अधिकारी को लाने की। अगर नहीं ला पाये तो आपको ज्वाइन करवा देंगे। मामला दाल-बिस्किट वाली तहसील का है। नगरीय निकाय प्रशासन विभाग की अधिकारी है। सलाह सुनकर महिला अधिकारी वापस लौट गई है। अब देखना यह है कि ... बदबूदार शहर से जिस अधिकारी को लाने की कोशिश हो रही है, उसमें कितनी सफलता कमलप्रेमियों को मिलती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार इस अनोखी सलाह को लेकर चुप हो जाते है।
खुशकिस्मत ...
बाबा महाकाल की नगरी में रहने वाले वाकई खुशकिस्मत है। आखिर हमको प्रदेश में सबसे पहले 5-जी की सौगात मिली है। अपने मामाजी अभी-अभी यह सौगात देकर गये है। देशभर में हमारी ब्राडिंग हो गई है। 5-जी की सुविधा की। भले ही यह सुविधा अभी सीमित क्षेत्र के लिए है। मगर आश्चर्य की बात यह है। जिस क्षेत्र के लिए यह सौगात मिली है। उसी क्षेत्र के रहवासी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे है। क्षेत्र के होटल व्यापारी दबी जुबान से बोल रहे है। कुछ भी नहीं बदला है। सबकुछ पुराना जैसा है। कोई 5-जी की सुविधा नहीं है। इसीलिए होटल व्यवसायी प्रो. वसीम बरेलवी को याद कर रहे है। इस अशआर के साथ... वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से/ मैं एतबार ना करता तो और क्या करता। अब अगर आम जनता यह बोल रही है तो सच ही होगा। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
सेल्यूट...
वर्दी को चुप रहेंगे का सेल्यूट। खासकर युवा आईपीएस अधिकारी को। जिन्होंने उन मक्कार कर्मचारियों को फटकारा। जो कि अवैध निर्माण तोडऩे में आना-कानी कर रहे थे। मामला उस ब्याजखोर से जुड़ा है। जिसका आतंक था। इस आतंक में वर्दी का भी सहयोग था। तो अवैध निर्माण में शिवाजी भवन का। इन सभी को बकायदा हफ्ता मिलता था। इसीलिए जब निर्माण तोडऩे पहुंचे। तो बहाने बनाने लगे। किरायेदार और स्टे का हवाला दिया। जेसीबी गली में नहीं जा सकती है... आदि-आदि। लेकिन जब युवा आईपीएस पहुंचे और फटकार लगाई। तो मकान भी टूटा और जेसीबी भी गई। इस तोडफ़ोड में एक नया खुलासा हुआ। ब्याजखोर ने सीसीटीवी का जाल बिछा रखा था। 300 मीटर दूर से ही ब्याजखोर सबको देख लेता था। ब्याजखोर पर हुई इस कार्रवाई से रहवासियों में खुशी की लहर है। इसीलिए अपुन भी वर्दी को सेल्यूट करते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
गूंज ...
कमलप्रेमियों में इन दिनों एक थप्पड की गूंज की चर्चा सुनाई दे रही है। मगर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। इशारों-इशारों में उस चाकू कांड की याद दिलाई जा रही है। जिसमें एक नगर सेवक घायल हुए है। कमलप्रेमी दबी जुबान से बोल रहे है। घटना के दौरान एक बड़े नेता को किसी आरोपी ने थप्पड भी जड़ दिया था। अब यह बात कितनी सच है... कितनी झूठ...। इसका फैसला हमारे समझदार पाठक खुद कर ले। क्योंकि हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।